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अध्यादेश पर केजरीवाल को समर्थन नहीं देने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ये पार्टी का आंतरिक मामला है

राहुल गांधी

साल 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट चुकी है। कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में हाल ही में जीत मिली है, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है। बीजेपी के लिए ये हार इसलिए है क्योंकि यहां से उनकी सत्ता खत्म हो गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय अमेरिका में हैं। सात समंदर पार से राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ उनके बयानों पर बीजेपी देश में हमला कर रही है। 

 

राहुल गांधी से देश के कई मसलों पर अमेरिका में सवाल पूछे गए। विपक्षी एकता को लेकर भी सवाल पूछे गए। जिसपर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सभी दलों के संपर्क में है। कुछ दल साथ आ गए हैं औऱ कुछ दल और भी आगे साथ आएंगे। वॉशिंगटन डीसी में राहुल गांधी से इसे लेकर भी सवाल किया गया कि आप विपक्ष को एक मंच पर लाने की कवायद कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस अध्यादेश के खिलाफ आप संरक्षक अरविंद केजरीवाल का समर्थन क्यों नहीं कर रही है। 

 

राहुल गांधी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि पार्टी का आंतरिक मामला है। हम उस पर चर्चा कर रहे हैं। विपक्ष एकजुट है। हलांकि यह थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड है। क्योंकि हम कई जगह विपक्षी दलों से ही लड़ रहे हैं। ऐसे में गिव-एंड टेक जरूरी है। लेकिन इस मामले में काफी अच्छा काम हो रहा है। पहले लगा कि आप और कांग्रेस एक होकर चुनाव में विपक्षी एकता को और मजबूत करेंगे, लेकिन कांग्रेस को समझ आया कि अगर किसी पार्टी ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है तो वह आप ही है। 

 

दरअसल आप ने ही कांग्रेस से दिल्ली की सत्ता छिनी, आप ने ही पंजाब में कांग्रेस को हराया। कांग्रेस की सरकार पंजाब में थी। आप ने पंजाब जीत लिया। इसके अलावा हिमाचल, गुजरात, गोवा में भी पार्टी बीजेपी का नुकसान नहीं बल्कि कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस का वोटर आप में शिफ्ट होता जा रहा है। ऐसे में अगर दोनों एक हो गई तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो जाएगा। क्योंकि आप से नाराज वोटर के पास फिर बीजेपी छोड़ कोई और विकल्प नहीं बचेगा।  

 

आपको बता दें कि, केंद्र सरकार दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में अध्यादेश लेकर आई है। लोकसभा में अध्यादेश का पास होना तय है लेकिन राज्यसभा के लिए केजरीवाल तमाम नेताओं से मीटिंग कर समर्थन हासिल कर रहे हैं जिससे की राज्यसभा में अध्यादेश को मंजूरी नहीं मिले। ऐसे में कांग्रेस अभी से केजरीवाल से दूरी बनाए हुए है। कांग्रेस और आप की बैर अभी नई-नई है। इससे पहले जब आप नेताओं पर जांच एजेंसियों का साया था तो कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन कर केजरीवाल से सहानुभूति जताई थी।

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