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यौन शोषण के आरोपों पर पहलवानों का फिर धरना, WFI के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर की मांग

दिल्ली के जंतर मंतर पर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट समेत देश के शीर्ष पहलवानों का दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। वे अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। उन्होंने सरकार से डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती संघ) के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक कराने की मांग की है। पहलवानों ने दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। 

 

दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे पहलवालों के तरफ से सात शिकायतें मिली है और उसकी जांच जारी है। दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने पर पुलिस को नोटिस जारी किया था। साक्षी मलिक और रवि दहिया समेत कई पहलवालों ने जनवरी में भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मैराथन बातचीत के बाद उनका तीन दिवसीय धरना समाप्त कर दिया था।  

 

अनुराग ठाकुर ने आरोपों की जांच के लिए दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति की घोषणा की थी। वहीं दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि उसे जानकारी मिली है कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। आयोग ने कहा कि, शिकायतकर्ता ने आयोग को सूचित किया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ यौन शोषण के अपराध में शामिल रहा है। उसने कहा कि शिकायतकर्ता ने आयोग को यह भी बताया कि इस संबंध में 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

 

आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आयोग ने बताया कि शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि जब उन्होंने 22 अप्रैल को शिकायत की स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए थाने के एसएचओ को फोन किया, तो उन्होंने बताया कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और सोमवार के बाद शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने (एसएचओ) से सोमवार तक प्राथमिकी दर्ज कराने का आश्वासन मांगा तो उन्होंने कहा कि वह इसकी गारंटी नहीं दे सकते हैं। 

 

आयोग ने अपने नोटिस में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई के विवरण के साथ प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के कारणों के बारे में पूछा है। आयोग ने 25 अप्रैल तक मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें अब तक सात शिकायतें मिली है। उन्होंने कहा कि कुछ शिकायतें दिल्ली से संबंधित है और कुछ दूसरे शहर से है। उन्होंने कहा हम जांच कर रहे हैं। अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कि गई है। दिल्ली महिला आयोग ने यह भी कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि कुछ शिकायतकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों को युवा मामले और खेल मंत्रालय के खेल विभाग में तैनात एक आईपीएस अधिकारी फोन करके शिकायतकर्ताओं की पहचान के बारे में पूछ रहा है। 

 

विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश ने सवाल किया कि, सरकारी समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने में कितना समय लगने वाला है। तीन महीने हो चुके हैं और हम अब भी उनकी बात सुनने के लिए इंतजार कर रहे हैं। क्या रिपोर्ट तब आएगी जब शिकायत दर्ज कराने वाली लड़कियों की मौत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, हम सरकार से इस मामले में निष्कर्ष जारी करने के लिए कह कर थक चुके हैं। हमने कनॉट प्लेस के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है और चाहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो।  

 

उन्होंने कहा कि हमारा भारतीय कुश्ती संग चुनाव प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है। हम अपने करियर को लेकर अधिक चिंतित हैं। पेरिस ओलंपिक करीब है और हम सही दिशा में तैयारी शुरू करना चाहते हैं। वहीं रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि हम जंतर मंतर से नहीं हटेंगे। यह लड़ाई नहीं रुकेगी। लड़कियां समिति के सामने पेश हुई है, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है। महासंघ पहले की तरह चल रहा है, वह अपने राष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन कर रहा है, तो क्या बदल गया है।

 

उन्होंने कहा कि, हमने पहली बार विरोध किया तो हमसे जो वादे किए गए थे, उनमें से एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया। दो दिन पहले एक नाबालिग समेत सात लड़कियों ने कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बावजूद वे हमें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रहे हैं। पता नहीं इस ढिलाई के पीछे कौन है, क्योंकि ऐसे संवेदनशील मुद्दों में तत्काल कार्रवाई होती है। वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि विरोध करने वाली महिला पहलवानों के साथ खड़ा होना उनका नैतिक कर्तव्य है। तोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता ने कहा, अगर हम इनके साथ नहीं खड़े होंगे तो और कौन खड़ा होगा। 

 

इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन कर रहे शीर्ष पहलवानों द्वारा जताई गई चिंताओं के समाधान के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी को तत्काल हस्तक्षेप करने की बात कही है। वहीं एनसीपी के प्रवक्ता ने कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस को फौरन कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो आम नागरिक क्या उम्मीद कर सकता है।

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