IAS को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने क्यों कहा, ब्यूरोक्रेसी से चूक हुई तो देश का धन लुट जाएगा।

- Post By The India Saga
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के सिविल सर्विस अधिकारियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश अपने टारगेट को हासिल करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज की सरकार देश की सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव न मानकर उन्हें फर्स्ट विलेज मानकर काम कर रही है। डिजिटल इंडिया का इतना बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्टर उपलब्ध है फिर भी कुछ विभाग बार-बार वही जानकारी मांगते हैं जो उनके पास पहले से उपलब्ध है।
सिविल सर्विस के अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, देश ने अब तेजी से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। अब आजादी के इस अमृत काल में उन युवा अधिकारियों की अहम भूमिका सबसे अधिक है जो कि अगले 15 से 20 साल इस सेवा में रहने वाले हैं। आपको देश की सेवा करने का मौका मिला है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा देश अब बहुत ऊंची छलांग के लिए तैयार है। पिछले 9 सालों में अगर देश के गरीब लोगों को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत का भी रंग मिला है। मगर ब्यूरोक्रेसी से चूक हुई तो देश का धन लुट जाएगा। वहीं अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज भारत छाया हुआ है। डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत नंबर वन है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था परिवर्तन से गुजर रहा है। 2014 की तुलना में आज देश में दोगुने की रफ्तार से नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा रहा है।
पहले सिस्टम की देन थी कि देश में चार करोड़ से ज्यादा फर्जी गैस कनेक्शन थे। फर्जी राशन कार्ड थे। देश में एक करोड़ काल्पनिक महिलाओं और बच्चों को सरकार की सहायता जा रही थी। फर्जी स्कॉलरशिप का लाभ दिया जा रहा था। लाखों करोड़ों फर्जी नामों की आड़ में एक इको सिस्टम जुटा हुआ था। पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के करीब तीन लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे है। आज चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो दिक्कत है वो कैसे दूर होगी। अब सरकार सबके लिए काम करने की भावना के साथ काम कर रही है।
IAS ऑफिसरों से पीएम मोदी ने कहा कि आपकी यह जिम्मेदारी है कि जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है वो टैक्स पेयर का पैसा कहां-कहां इस्तेमाल कर रहा है। इसका ख्याल आपको ही रखना है। यह देखना होगा कि कहीं राजनीतिक दल टैक्सपेयर का पैसा वोट बैंक के लिए तो नहीं लुटा रहा है।
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