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CBI ने शुरू की बालासोर ट्रेन हादसे की जांच, 10 सदस्यीय टीम घटनास्थल पर मौजूद।

CBI

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई ने शुरु कर दी है। सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम सोमवार को घटनास्थल का दौरा कर हादसे की जांच शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इस घटना को लेकर सीबीआई ने केस भी दर्ज किए हैं। 

 

इस दर्दनाक रेल हादसे में सीबीआई ने आईपीसी की धारा 337, 338, 304A, 34, 153, 154 और 175 रेलवे एक्ट सेक्शन में एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा जांच एजेंसी ने जीआरपी की ओर से दर्ज किए गए एफआईआर को भी टेकओवर कर लिया है। जांच को लेकर सीबीआई कभी भी आधिकारिक बयान जारी कर सकता है। 

 

इस हादसे में घायल हुए करीब 1100 यात्रियों में से 900 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं घटना में जान गवांने वाले 278 लोगों में 177 शवों की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान करना बाकी है। इन शवों को भुवनेश्वर समेत अलग- अलग मोर्चरी में रखा गया है। 

 

सिर्फ भुवनेश्वर में ही कुल 193 शवों को रखा गया था। जिनमें से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा कि 55 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं। शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है। 

 

अब जैसे- जैसे मृतकों के परिजनों रेलवे या फिर स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं वैसे-वैसे शवों की पहचान हो रही है उन्हें परिवार को सौंपा जा रहा है। मृतकों में कुछ शव ऐसे भी हैं जो क्षत विक्षत हो चुके हैं, ऐसे में डीएनए के जरिए इन शवों की पहचान की जा रही है और परिवार वालों को सौंपा जा रहा है। 

 

आपको बता दें कि बालासोर में शुक्रवार शाम को उस वक्त दर्दनाक ट्रेन हादसा हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल होकर मालगाड़ी और यशवंतपुर एक्सप्रेस से टकरा गई। हादसा इतना भयानक था कि कई बोगियों के परखच्चे उड़ गए थे। मरने और घायलों में सबसे ज्यादा यात्री कोरोमंडल एक्सप्रेस के ही थे। दुर्घटना के बाद घायलों को ओडिशा के अलग-अलग जिलों में इलाज के लिए भर्ती किया गया है, जबकि शवों को मोर्चरी में रखा गया है। 

 

वहीं हादसे के 51 घंटे के बाद ही रविवार देर रात से रुट पर ट्रेनों का संचालन भी शुरु हो गया है। अप और डाउन दोनों लाइन को ठीक कर लिया गया है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत बचाव कार्य पर बारीकी से नजर बनाए हुए थे।

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