सचिन पायलट के तेवर बरकरार, अल्टीमेटम का समय पूरा अब क्या होगी रणनीति ?

- Post By The India Saga
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही रार को कांग्रेस भले ही सुलझाने का दावा कर रही हो। लेकिन पायलट ने दिल्ली आने के बाद जो तेवर दिखाए हैं, उससे बिल्कुल भी नहीं लग रहा है कि गहलोत के साथ सुलह हुई है। टोंक में 31 मई को सचिन पायलट ने एक बार फिर बगावती तेवर दिखाकर बता दिया है कि वे अपने मुद्दों को लेकर किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेंगे। इतना ही नहीं 1 जून को पायलट ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पायलट वीडियो के माध्यम से कुछ और ही संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
इस वीडियो को पोस्ट करते समय पायलट ने जो कैप्शन दिया है। उसको लेकर कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। पायलट ने इस वीडियो पर ‘मन में है एक आस, दिल में है विश्वास, बनाएंगे सशक्त राजस्थान, जन जन का जब साथ है’ कैप्शन दिया है। इस वीडियो की खास बात है। इसमें पायलट राजस्थान की जनता के साथ दिख रहे हैं। इसके अलावा इस वीडियो में कांग्रेस से जुड़े हुए न तो कोई नेता दिख रहा है, न ही पार्टी का चुनाव चिन्ह। पायलट के इस वीडियो को लेकर राजस्थान की सियासत में हलचल मची हुई है। वहीं इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर पायलट इस वीडियो के माध्यम से क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
दिल्ली की बैठक के बाद पायलट ने टोंक में मुखर होकर अपने मुद्दों को लेकर समझौता नहीं करने की बात कही। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है। भले ही कांग्रेस नेतृत्व पायलट और गहलोत के बीच में सब ठीक होने की बात कर रहा है। लेकिन पायलट के सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो में सचिन पायलट अगले चुनाव में सिंगल मैन की तरह खुद को काम करने वाला बताया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सचिन पायलट दिल्ली में आलाकमान के साथ हुई बैठक के बाद भी अपनी पार्टी से नाराज हैं और अब एकला चलो की नीति अपनाने वाले हैं।
राजस्थान के टोंक में बुधवार को एक जनसंवाद कार्यक्रम के तहत पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान पायलट ने एक बात साफ कर दी है कि वे अपने मुद्दों को लेकर अभी भी कायम है। उन्होंने कहा कि मैं सदा से ही युवाओं के हितों के लिए पक्षधर रहा हूं। युवाओं के लिए कांग्रेस ही नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों को भी सोचना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए अपने विरोधियों को चेता दिया कि वे अपने मुद्दों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगें। उन्होंने कहा कि लोग यह ना सोचे कि, हमने मुद्दे उठा कर छोड़ दिए हैं। मैं अभी भी अपनी बात पर कायम हूं। मैं युवाओं के हितों के लिए लगातार प्रयास करता रहूंगा। अब देखना है कि लगातार हो रहे घटनाक्रम के बाद पायलट का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा। इसे लेकर सबकी नजरें पायलट पर टिकी हुई है।
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